RaTna Gad Ki Ladayi-रत्ना गढ़ की लड़ाई - स्वर ओम प्रकाश भाईया-लिरिक्स हिंदी
NOTE:- Intro-
Dhola- Maru Ka Gouna
Vol-1
Dhola- Maru Ka Gouna
Vol-1
नोट-१:-(NOTE):-About this creater Details
गुरु = falav Guru Raghunandan
टाइटल नाम = मारु का गौना
गायक = om prakash bhaiya
कंपीराईट्स = GAUTAM STUDIO Hardoi
लेबल = Goutam Studio Hardoi
रिकॉर्डिंग = Goutam Studio Hardoi
अल्बम = Dhola- Maru Ka Gouna
राइटर = om prakash bhaiya
प्रॉडक्सर = Goutam Studio Hardoi
डायरेक्टर = ब्रजेश कश्यप
संपर्क मो0 = 8318091224
व्हाट्सप्प = 8318091224
follow us = Goutam Studio Hardoi
लिरिक्स = om prakash bhaiya
टाइटल नाम = मारु का गौना
गायक = om prakash bhaiya
कंपीराईट्स = GAUTAM STUDIO Hardoi
लेबल = Goutam Studio Hardoi
रिकॉर्डिंग = Goutam Studio Hardoi
अल्बम = Dhola- Maru Ka Gouna
Music ऑन = Goutam Studio Hardoi
नोट - 2:- लिरिक्स पड़ने से पहले ये जान लो:-
जो या जितना शब्द लिखा हुआ इस वाले ( )ब्रेकेट के अंदर है वो शब्द गायक ने बिना गाये हुए बोले है जैसे की बिना स्वर ताल लगाए एक गद्द की तरह जैसे बताते है जो शब्द " " के अंदर लिखे है वो वाले शब्द गायक ने साथ साजिया ने बोले है जैसे गायक के साथ बजाने वाले ढोलकिया हो सकता है चिमटा वादक हो सकता है घड़ा मास्टर हो सकता है और कोई को र स पर कोई हो सकता है पड़ने से पहले कृपया समझने के लिए नोट जरूर पड़े धन्यवाद
जो या जितना शब्द लिखा हुआ इस वाले ( )ब्रेकेट के अंदर है वो शब्द गायक ने बिना गाये हुए बोले है जैसे की बिना स्वर ताल लगाए एक गद्द की तरह जैसे बताते है जो शब्द " " के अंदर लिखे है वो वाले शब्द गायक ने साथ साजिया ने बोले है जैसे गायक के साथ बजाने वाले ढोलकिया हो सकता है चिमटा वादक हो सकता है घड़ा मास्टर हो सकता है और कोई को र स पर कोई हो सकता है पड़ने से पहले कृपया समझने के लिए नोट जरूर पड़े धन्यवाद
रत्ना गढ़ की लड़ाई -RaTna Gad Ki Ladayi- स्वर ओम प्रकाश भाईया-लिरिक्स हिंद
(आदरणीय जनता जनादरदना आज सभी लोगो के समक्ष राग ढोला में रत्ना गढ़ की लड़ायी आप सुन रहे है )
ओ.......
(राजानल आज जब दो घंटे के लिए सैर करने के लिए चल देते तो और जब बच्चेड़ा को आसमान में उड़ाया तो जाकर के शहर रत्ना गढ़ मे पहुंच जाते है राजा रत्न पाल के चमन बाग़ में और इधर राजनल के भांजे की बारात जो थी बगाले शहर के लिए जो रही थी वो जिंद मणि पर थी कहना पड़ा "क्या कहना पड़ा"
हाल् बताबयीं तुमयी समुझावयीं ए भईया ध्यान देन की बात
अउ राजानल पहुचे जायिके है आज रत्ना गढ़ मै दद्दा हमारी ध्यान देन की बात
(तो चमन बाग में कहना पड़ा)
क्यारी क्यारी खिली थी बाग़ में अजब बहार
फूल फूल भी लुटा रहे थे प्यार
गेंदा गुलाब मोतिया जूही
(उस बाग में फुलवारी वो "कैसी " बताते है)
गेंदा गुलाब मोतिया जूही
गुल मेहंदी गुला बांस गुलनारी
दाऊदी दुपहरिया मरवा केतुकी
फूल हज़ारा हार सिंघार
ए भईया
कलंगा पन सुतिया मौल श्री
कर नै ल कमीनी सदा बहार
माजती माधवी जवा झिली
केवड़ा मोगड़ा पपी अनार
केवड़ा मोगड़ा पपी अनार
केवड़ा मोगड़ा पपी अनार
केवड़ा मोगड़ा पपी अनार
केवड़ा मोगड़ा पपी अनार
ऐसी फुलवारी है चमन बाग़ में "अच्छा"
पचरंगा चम्पा पच रंगा चम्पा सूर्यमुखी
झिली मिली मारुती नौरंगा
चांदनी कुमुद दौना ना लाला
जल तरंग चमेली चौरंगा
जल तरंग चमेली चौरंगा
जल तरंग चमेली चौरंगा
जल तरंग चमेली चौरंगा
गुल प्यारी गुल शभो हल
गुल चीनी गुल फानूस् बेला
सेवरा निबाड़ी मदन मान
गुल केली कुंद कमल केला
गुल केली कुंद कमल केला
गुल केली कुंद कमल केला
गुल केली कुंद कमल केला
नीले पीले साँवल गोरे
चित कवरे रंग बी रंगों के
हम नाम गिनाये गे क्या क्या थे
फूल हज़ारो किस्मों के थे
फूल हज़ारो किस्मों के थे
फूल हज़ारो किस्मों के थे
फूल हज़ारो किस्मों के थे
(हाँ मेरे प्यारे इधर जब राजा नल जब आज पहुंच जाते है रत्ना गड़ में उस चमन बाग में ऐसी फुलवारी थी तो )
अउ हाल बताबयीं इते राजानल के
बगिया मै जब पहुचे राजा नल जाय
अउ पड़ी तौ दुपहरी के मारे हे
अउ थकनि आयी गयी राजा नल कौ
तौ बच्चेड़ा छोड़ी दो बाग में जाय
ओ छोड़ो दो बच्चेड़ा है बगिया मै
(और मेरे भाइयों वहाँ पर एक मंदिर मठिया बनी हुयी थी तो गर्मी के मारे परेशान थे दुपहरी का समय था मन में बिचार किया कै चलो थोड़ी देर इसमें मठिया में आराम किया जाय तो तो राजानल सो जाते है उस मठिया में जब मठिया में सो जाते है तो इधर राजा रत्नपाल की जो बेटी थी चित्र रेखा वो रोजाना डोली में बैठकर कहारों के साथ में पूजा करने के लिए आती थी उस मंदिर में तो आज भी तो आज भी वो बेटी पूजा करने पूजा करने की हैसियत से जब चली है तो मेरे प्यारे भाइयों कहना पड़ा "क्या")
अउ सजी बजी के का बैठी हई डोली मै
मेरे भईया सुन् उ हमारी बात
(इति सुतरी थी वा चित्रारेखा बताबयं " बता बउ " बता बयीं कित्ती सुतरी "बताब उ" सुन लेउ -३" सुनवाऊ ")
जा नहायी धोयीबके हुयी गयी ठाड़ी
ऊपर पहने ब्लाउज़ साड़ी
मुर्घट अंघिया जरत किनारी
पटिया अउ साँचे मै डारी
छल्ला छाप आरसी पहिने
6 6 मोती 9 9 छमियां
मूंगफरी सी बनी उंगरिया
( ऐति सुतरी " इति")
जा नहायी धोयीबके हुयी गयी ठाड़ी
ऊपर पहने ब्लाउज़ साड़ी
मुर्घट अंघिया जरत किनारी
पटिया अउ साँचे मै डारी
छल्ला छाप आरसी पार्सी पहिने
6 6 मोती 9 9 छमियां
मूंगफरी सी बनी उंगरिया
जौ हार हमें लागु देख गँवारों
चौंकी झम्पर रौंची के नारो
सारा रे चुनी चुनी पहिनि
फिर देखत की बयीयर सुतरी
घुमाई कमान कटीली बनी
कजरा के सुर है न्यारे न्यारे
लली को नाय बनो सिंघार
"लली को नाय बनो सिंघार
लली को नाय बनो सिंघार"
"जा नाक सुआ सी मुह बटुआ सो
टुडी बनी है संकर पारो
अउ पहतो बनो है लली को जय पुर की थारी
जा नाक सुआ सी मुह बटुआ सो
टुडी बनी है संकर पारो
अउ पहतो बनो है धन उदय पुर की थारी
अउ कमरिया दीन दीन बलखाई
नथुनिया चबे जा गाल को जाय "
जा पानी सी पत्री हरदी ऐसी पियरी
जा पानी सी पत्री हरदी ऐसी पियरी
ललीय् के सिर रत्ना रे केस
(आज मेरे प्यारे भाइयों जब चित्ररेखा जब सझ धज करके तैयार हो जाती है डॉली में बैठ जाती है तो कहार लोग् आज डोली को लेकर चलते है पूजा करवाने के लिए उस चमन बाग के लिए तो हमने कहा )
"चंचल चपल नयन मृगलोचन
पटिया साँचे में दरीय रे
पटिया साँचे में धारी लली किय
चिटवनी लगी रही प्यारी रे
"चंचल चपल नयन मृगलोचन
पटिया साँचे में दरीय रे
पटिया साँचे में धारी लली किय
चिटवनी लगी रही प्यारी रे
अरे कश्मीर को जा तड़िया पहिंदे
अउ धुआँ धार क देख उ ओढे हई चुनरिया
लली के सिर रत्ना रे केस "
जा लहर लहर लहरात चिरईया पूर्वईया की मारी रे
अउ केरा को सो बनो लौंदरो मुंडरानी भरायी करी हईन्या रे
अउ 3 3 लोरा खायी डोकी मै बनी जाई नागिन कारी बरे
कुशल करे भगवान लली की अभई उमरिया बारी रे
अउ लैके डोलना चली भये रे सुन वईयव
"क्या बात भईया"
अउ थोड़ी देर काय बीच अर सवय
कहार ढोला लईक के पहुचे है बगिया मै आय
अउ जहाँ पै मठिया हि मेरे भईया
अउ हुँवई पै डोला रोक दयो जाय
अउ एक लंग कौ कहार जे हटी गये
लली तब निकली डोला मे से आज
(हाँ मेरे भाइयों आज डोला मे से निकल करके और जैसे हि मंदिर में बढ़ती है बैसे हि आकाश वाणी होती है की ए बेटी मंदिर से आवाज आती है की ए बेटी चित्ररेखा अरे जिस पति के लिए जिस राजा नल के लिए तु पूजा कर रही थी मेरी आजबवाही तेरा पति इस मड़ी में सो रहा है इस मंदिर मे सो रहा है )
तै हौले हौले जब अगेला बड़ी गयी
मंदिर मै घुसी गयी तुरती हई जाय
इ भईया ध्यान रे देन किय बात
(आज राजनल का जब देखो चदरा ओढे सोवयीं सो हिम्मत नाई परायी चित्ररेखा की तो महतारी की आवाज आयी शक्ति की आवाज जब सुनी तो ऐसी आवाज सुनकर के हिम्मत बांध के एक चदरा को खूंट खयिच दौ कहना पड़ा "क्या")
आरे हाल बताबयीं तुमई हम समुझावयीं
मेरे भईया ध्यान् देन किय बात
अरे हमारे ढोलकियां हिन्य हि पे लागयी
लेउ ना हरी की ताल
( हाँ मेरे प्यारे भाइयों आज जैसे हि चित्रा खूंट जब पहुंची गायो तो राजनल झप्ती उठी बैठे तेगा ई पे हांथू गौ एक्का जब निगाह से देखो हय् जे तो ब्यर्वानी तो कहने लगे मर्द होता मेरे सामने तो उसका धड़ से सिर काट देता तु जननी पड़ गयी इस लिए मै तुझे क्षमा करता हूँ )
कैसो जगायी दौ तुमने मोकून
अउ हमारी सुन उ लगायी के ध्यान
अउ तबेहे चित्ररेखा बोलन लागी
की मेरे सुन उ गले के हार
कोंन तौ से देश के तुम तो परदेशी हयो रहने वाले
ए परदेसी कैसे तुम हिय गये हयो देख उ आय
(ए परदेसी तुम कहाँ के रहने वाले हो और इस चमन बाग में कैसे आये हो " तुम का करोगे तुम्हरा क्या मतलब है"बात ये है ये मेरा चमन बगीचाँ है ये बाग जनाना है और इस जनाने बाग में किसी मर्द को आने की इज़ाज़त नहीं है और मै यहाँ रोजाना पूजा करने के लिए आती हूँ कोंन हो तुम कहाँ के रहने वाले हो "तो तुमने क्या ीाीाीाीीाीाीाीाीाीाीीाीीाीाीाीीाीाीाीाीीाीाीाीीाीाीाीाीाीाीी
तो तुमने इसमे बोर्ड लगा रखा तो की जनाना बगीचाँ है " हाँ बोर्ड लगा है हुआ है तुमने देखा नहीं ध्यान नहीं किया तुमने "अच्छा")
नाम तौ बताई देऊ बिदेसी अपनों ग्राम बताई देऊ
अपनी ताल भुम्मी को मोकऊ बतलायी दियौ हाल
(तुम्हारा नाम क्या है तुम कहाँ के रहने वाले हो " हम" हाँ देखाउ हमारा नाम है राजानल् "राजा नल " हाँ हमारा नाम राजानल है और हम देश नरवर के रहने वाले है हमारे पिता का नम प्रथम है और माँ का नाम मांझा है "ठीक अब इधर यहाँ कैसे आगये तुम " अरे हम सुपहरी का टाइम था हमने कहा थोड़ी दर बगीचे मे हियाँ तफरी करले हियं इस लिए हम चले आये तुम्हारे बगीचे मे हमने कोई कुछ तोड़ा ताड़ा तो नही कुछ नुकसान तो किया नहीं है और हम जा रहे जरा शादी में जा रहे है" बारात में जा रहे कहाँ जा रहे हो "जा रहे है बंगाले के लिए " बंगाल के लिए जा रहे "हाँ शहर बंगाल के लिए जा रहे है और हमारे भांजे की बारात है वो देखाउ छोड़कर हम आये है जरा शहर करने के लिए यहाँ " अच्छा सैर करने के लिए थे आये थे तुम "हाँ" तो इस लिए यहाँ आराम कर रहे थे तुम " आराम कर रहे है " मेरे प्यारे भाइयो जब राजानल का नाम सुना तो आज चित्रारेखा कहने लगी "क्या")
चोरी तौ का छोरा मेरे रसिया मोय लई छली यव
ये रंग रसिया अरे तौ चली सासुल के छुआ दियव पांय
(ए महराज " हाँ " अरे आपके के नाम से हमने आज तक पूजा करी है इस मंदिर में और इस लिए एक काम करो या तो मुझे चोरी चोरा लिवा चलो और चलकर के अपने घर पर सासुल के पांय छुआ लियव हुयी भँवरिया डाल लियव "हम ऐसा काम नहीं करते है " या फिर आप हमसे बिबाह रचा लो मै अपने पिता जी से कहके और शादी आपसे कहके आप से कर लूंगी " नहीं बिवाह याह नाई करना है हमारे घरमे रानी नहीं है क्या विवाह करे तुमसे ")
तुमरे अरे पिछेला रसिया तुमरे अरे कारण
अरे का मैने जा मदिर मै पूजे है सालीग्राम
बारा बार तै इतवार मैने राखे
बारह वर्ष इतवार मैने राखे
अउ धंसी गंगा मै जहु बहि आयी
मेरे रसिया सुनौ लगायी के ध्यान
अउ तन मै मन मै मेरे दोय नैना मै
रसिया तुम्हई में बसती मेरे प्राण
मै बारी रही तौ लौ खेली बच्चन मै
सजना हो गुड़ियाँ को खेल
अउ ज्वान भई मती हुयोगयी बाबरी
तौ जौ जुवना डांटे से डाटती मेरो नाई
मेरी पकी गयी जमुनिया जे रस मै भरी गयी
सजना तुम्बिन कोई तुरईया नाई
मेरी भरी तौ नवईया बिलखयी जोवनु की
अउ जाको कोई खेवईया नाई
मेरे तन मै मन मै बालम दोय नैना मै
मेरे तन मै मन मै बालम दोय नैना मै
रसिया तुम्हई में बसती मेरे प्राण
अरे जोड़ रईयव हाँथ तुमरे पड़ती हयू पंय्या
बलमा मानी जायु कही मेरी बात
अउ चलियव बिहौला चली के रचयियव
मै पिता अपनेय सेय कहदूंगी आज
(हाँ मेरे प्यारे भाइयों आज इधर बार बार समझते है बार बार समझाते की हम सादी नहीं करेंगेऔर् हमतो आये है थोड़ी देर आराम करने के लिए )
हमई नचई बे को नाई चाहिए
हमारी सुनौ चित्रारेखा बात
अउ हमारे घर मै तौ नारी दमयंती
(बासे ज्यादा सूत्री थोर य तुम हायु एक काम करो" क्या "हमे तुमसे बिवाह नही करना है और तुम जायो अपने पिता जी से कहदो की हमें शादी नहीं करनी है)
बार बार समुझावई चित्रारेखा ए मेरे दूल्हा अभई कछु बिगरो है नाई
और मान जायो कहनो हमारो
(महराज एक काम करो चलीके मेरे साथ में चलो और मै अपने पिता जी से कहदूंगी और देखिये शादी रचाई लूंगी और आप के हि नाम से राखे आज तक पूजा करी है मंदिर मै सालीग्राम पूजे " चाहूँ पूजा करी चाहूँ कुछ करी "हमई इससे क्या मतलब शादी वादी नाई कर्नि है लागु हमारे घरमें देखाव रानी दवयंती बड़ी खूबसूरत है तुम तौ लाई फिर रही हो )
मानो कहना मेरे बलमा हज़ारी से
मानो कहना मेरे बलमा हज़ारी से
रसिया तुम ब्य्हौला रचाई लेउ जी
अउ बहु तेरो को समुझावो चित्रारेखा नै
अउ नल की समझी मै आयी है नाई
(इधर मेरे प्यारे भाइयों जब बहुत दर हो जाति है आज राजानल और चित्रारेखा वो बात चित करते जो कहार खड़े हुए थे दरवाजे पर उनमें आपस में सलाह करने लागे लौडिया रोज तौ नेक देर म पूजा करीके निकारी अउ त हती मंदिर मै से आज पता नाई इति देर काहे का लगी गयी सो एक कहार अगेला जैसेई बड़ीके उजकन लागो राजानल की निगाह परिगयी)
अउ झट्टाई टेगा सूती लायो है राजानल नए
झाप टी के मारी दईय् तलवार
(जैसेई तेगा सूती के मारो सो मेरे प्यारे भाइयों मुड़ कटी के ए घयीं गिरो तौ लाओ दुसरो अंगेला बड़ी गायो कहन लगो जौ का हुयी गौ भैया भईया कई सो का हुयी गौ )
दूसरोय जब का अंगेला बड़ी गायो
तौ नल नई बाहु कौ डा रो मारी
औरु तीसरो कहारू जब मारी द यो हई
( मेरे भाइयों एक एक करीके जब तीनो गये 3 नो
भइयन् को मार डारो है राजानल नै अउ तै चौथो वाने देखो सो भा ठाड़ो भयो अब जब भाठ ठाड़ो भयो पहुंची गायो जहाँ पर राजा रत्न पाल का दरवार लगा हुआ मेरे प्यारे भाईयों )
जहाँ लागिय कचहरी रत्न पाल की
अउ भरीय लागी रहे दरवार
हुँ आ खुटीन खुटीन पर मैना बोलायी
अउ तोता जापति राम के नाम
बड़े गालीचा कश्मीर के
जिमे मुर्वंत के पैर समियाँ
आयी साठ हांथ के सिंघासन से पे
बैठे रत्ना गढ़ के महराज
(हाँ मेरे प्यारे भाइयों आज राजा रत्न पाल जहाँ पर दरवार में बैठे हुए है तो आज वो कहार जाकर के पहुंच जाता है कहन लगा गजब हुए गये महराज गजब हुए गये "का गजब हुयी गये" अरे राजा साहब बात ऐसी है की। रोजाना तो चित्रारेखा बेटी जाती थी पूजा करने के लिए तो पांच 10 मिनट में पूजा करके निकल आती थी लेकिन आज लकिन आज ऐसा कोई परदेसी उस में के अंदर सो रहा है के जिस पर देसी के साथ् में तुम्हरी बेटी बड़ा हि ऐसो आराम कर रही है "खामोश बैठ क्या बात करता है खाम खान की मेरी बेटी के लिए दोस लगाता है मेरी बेटी पूजा करती है " ऐसा नहीं है महराज बात जो मै कहता हूँ सही कहता हूँ देखो मेरे तीन भाई या जो है जब जाकर के हमारे एक भैया ने देखा और देखकर के जब उस हमला किया तब उसने एक भैया एक को मारा दुसरो के मारा तीनो को मर डारो खोपड़िया कत ई अलग कद्दारी हम तऊ चपरे चपरे बची गए भागी के आयी गये हमने तुम्हारे ढिंग आयी के राजा साहब खबरी कद्दाई नायी मानऊ तो चलीके देखी लेउ बड़ो झर्राई है बड़ो लड़ईया है"अच्छा " अरु का )
जब हे बात सुनी हई आज मेरे प्यारे भाइयों
अउ तभे गुस्सा गयी बदन मै छायी
500 जवान लई लए है आज राजा रत्न पाल नै
अउ चली भये है बगिया को राम
हांथी सजायी लयों रत्न पाल नै व भैया
लोहिया जाल लयो धरवाई
अउ जाल लोहिया धरीके हाँथी पै
अउ पहुचे हईं बगिया मै जाय
चारो तरफ से जब बगिया घेरवाई लयी
500 जवानन को ऑर्डर लगवाई दौ
(तब है जायिकार के राजानल नै देखो अरे जौ तौ बड़ो गजब हुयी गयो सो तुरंत य राजानल नै तेगा सूती रत्न)
झाप टी के तेगा सूती लयों राजानल नै
ए भईया ध्यान देन की बात तै 500 जवान टूटी परे राजानल पै
झगड़ा हों लगो बगिया मै आज )
अउ अरर सररर तेगा चली रहो
मेरे भईया वा बगिया के बीच
(राजा नल ने जानी लई 500 जवान एकई दांव म हम पर टूटी परे तो कहना पड़ा "क्या कहना पड़ा " )
अउ हाल बतावयीं हम तुम्हई समुझावयीं
अउ राजा नल नै मेरे भैया बगिया मै
करे है दद्दा कौन से काम
एकलग सै वाने भरी हई हरयीय
दूजी लंग को दई हई उतारी
अउ 500 ज्वान जब मारे राजानल नै
अउ तेगा झाप टी दौ राजा पै जाय
(आज मेरे प्यारे भाइयो जब 500 ज्वान मार दिये है रत्न पाल ने देखा जहु तौ बड़ो जलईया मालूम पत्ति हई तेय राजा आज रत्न पाल ने अपना मेरे भाइयों हाँथी कप बड़ा दिया है आगे और कहने लगे इस तरीके से ये कब्जे मे नहीं आएगा तो कहना पड़ा "क्या ")
रत्नपाल ने कहा:-
तुमने हीरुआ मारे के मछयी ना मारे
नाई परो है मनवारी सै काम
तुम खेल लौडियन मै खेले हयू
अउ गदी यन चले हयू मरोरा चाली
(हाँ मेरे प्यारे भाइयों आज बहुत कुछ जब कहा राजा रत्न् पाल ने राजानल ने भी कहा अरे तुमको भी आज बरखुनी मालूम पड़ेगी लेकिन राजा रत्न पाल ने जो लोहिया जाल था आज वो राजा के पर डलवा दिया है मेरे प्यारे भाइयों तो राजानल वो लोहिया जल मे आज फंस जाते है अउ जब मजबूर हो जाते है तो देखिये किस प्रकार कहना पड़ा " क्या कहना पड़ा ")
जाल लोहिया जब डारी दौ नल पै
फांसी लौ राजनल को आज
( और मेरे प्यारे भाइयो लेजा कर के राजा रत्न पाल ने 60 हांथ की गहरी भक्सी मै डलवा दिया है राजानल को इधर अब राजानल् मेरे प्यारे भाइयों कैद मे पड़े हुए है जेल में पड़े हुए है और उधर राजा रत्न पाल अपना राज करते है तो बेटी चित्रारेखा पहुँचती है और कहती है की ए परदेशी" हाँ")
कहना मान जायो तुम मेरो सुनी लेउ जी
अब हूँ चच्चा से छुटवाए देऊ जी
(ए परदेशी अगर आप मुझसे शादी करलो तो मै अभी अपने पिता जी कहके तुमको छुटवा सकती हूँ तुम्हारी कैद छुटवा सकती हूँ तुम् जा सकते हो " अरे हमे पड़ा रहन्दो कैद में हम शादी उदी कुछ नाई करेंगे शादी नहीं कर सकतें हम )
जोड़ी रहियों हांथ पड़ी एही पांईयाजी
कहना तुम मानो हमरो से
(हा मेरे प्यारे भाइयों बहुत कुछ समझाया चित्र रेखा ने जब राजानल नहीं मानते चित्रारेखा तो बापस चली जाति है लेकिन इधर राजनल ने अपने मन मै बिचार किया की बताइये अब बारात तो जिंद मणि पे पड़ी है घरों पराऊंगा है बंगाल
के अंदर और फूल डोल भांजे का ब्याह अटका हुया है हम जा रहे थे बारात में लेकिन यहाँ कहाँ से आ गये इस रत्ना गढ़ में फंस गये है अब कोंन् खबर हमारी ले जाये जो भईया मन सुख को खर पहुंच जाति तो हमारी जेल कटाई ले जाता यहाँ से )
कौन खबरिया दे मेरे भईया पई जी
जो आयीमे जेल छुटावई जी
अरे कैसी कराऊँ मै क्या करी डा रु ऊँ जी
कैसे मन राखा ऊँ समुझाई जी
(आज मेरे भइयों राजानल रोते है बिलखते है जब कोई सहारा नज़र नहीं आता तो एक श्रप मंधारी को एक राजानल ने जब सहारा दिया बिकट बनी में जो उसको जंगल से जलते हुए से बचाया था बन में आग लगी हुयी थी उसने कहाँ था श्रप मंधारी ने हे राजा नल जब कभी तुमपर मुसीबत पड़े हमे आप याद करेंगे तो हम तुम्हारी मदद करेंगे तो मेरे प्यारे भाइयों आज आज श्रप मंधारी याद करते है).
अउ कहाँ पै हो मेरे श्रपा ज्ञानी जी
असने मै धीर बंधई यव जी
कहाँ पै सोये गये मेरे श्रप मधाई असने मै मोय बंधाई जायो धीर
भनक परी जब बन मै सरपा के तओ पहुंची गयो है रटनागढ़ मै जाय
अउ जहाँ पै जेल मै परे राजा नल आओ हुयी यी पै सरपबपहुँचो जाय
आई देख राजा नल को मेरे भईया
अउ कैसे सरपा भरई जबाब
(ए राजानल "हाँ" अरे भाई साहब अपने क्यून याद किया है कैस्वमुसीबत में पास गये हो तुम इस जेल में किसने डलवा दिया है तुम्हे "डलवा क्या दिया है यहाँ भइसाहब आये थे बगीचाँ मै साइए करने के लिए " अच्छा" तो राजा रत्न पाल की लड़की जो है "चित्ररेखा" वो कही रही हमसे शादी कर लेउ "यही शादी करने के लिए कहा " लेकिन हम हम ने कहा हम सादी वादी नहीं करेंगें हम बारात मै जा रहे है "हाँ" अपने भांजे की "हाँ" तो वो मानी नहीं उनने अपने पिता जी से कहदिया हिया पर झगड़ा हुया तो उन्ने फ़ौज औज तो हमने तमाम मारदी है "फिर भी तुमको कैद करवा लिया " कैद करवा लिया हमारे लिए " तो एक बात है अब आप क्या चाहते हो "हम है चाहते है की ऐसा है एक काम करदो एक एहसाना करदो हमारे साथ में आप " क्या" की हमारे भईया मनसुख जो है)
राजानल:- कहन लागे
जायिके खबरिया मेरे मनसुख भईया पै
हमारी कैद लयी जायँ छुटायी
अउ ताबेहे सरपा बोलन लागो
ढाकुरु सुनऊ हमारी बात
(ए राजा नल अरे तुम्हारे भईया मनसुख पर खबरी ऐसी क्या बात है मै हि तुम्हारी कैद कटवा दूंगा" कैसे कटवा दोगे " अरे मै ऐसे कैद कटवा दूंगा मै जायूँगा जो रत्नपाल का बेटा है है जो सूरजपाल और ौौऔबा सुबह जाता के लिए जाता है और जब वह ड्यूड़ी से पार होगा में जाकर के ड्यूड़ी में दरवाजे पार बैठ जाऊंगा मै उसको डस लूंगा और और किसी बैगी से ठीक नहीं होयूंगा और तुम जब तुम जब ठीक करने के लिए जाओगे तब मै उस बच्चे को ठीक कर दूंगा लिहाजा ये कॉल कर लेना पहले कौल करार करवा लेना की राजा की राजा तुम्हे छोड़ दे तो मै तुम्हारे बच्चे को ठीक कर दूंगा ध्यान रखना" ठीक है सही बात है")
ज्यादा बढ़ावा कौन बढ़ावाई ये भईया ज्यादा कौन करई बकबास
अउ दायिके तसल्ली सरपा आज वो राजानल को
औ पंहुचे गयो हई महलन पई जाई
खटी पपीढ़ी जब देन निकरो
तिरियांन ने संवारों देखियिनिया छीर
मर्द पाग संवारी नर नारी की खुल गयी तारी
(तो आज सवेरे सवेरे के बखत मेरे प्यारे भाइयों राजा रत्न पाल का बेटा सूरज पाल पड़ने के लिए जब जाता है )
अउ सरपा ने कटी ड्यूड़ी पै डसी लयों जी
नेक सुनियव ध्यान लगायी जी
अउ जैसे डसो हई सांप ने लला को जी
तब दईया दईया चिल्लानो जी
अउ हाय करीके डाकराणों जब लला हई
अउ तबह नज़री परी गयी अम्मा की
लल्ल को देखन भाजी आज
(हाँ मेरे प्यारे भाइयों आज सूरजपाल को जब सांप ने ड्स लिया और जब सूरज पाल की माता ने देखा की अरे लला को का हुयी गयो ड्यूड़ी पे कैसे गिर परो जब देखो आयी की लला के मुह से झाग निकरई अउ जब झाग निकरई महतारी जन गयी वा कई मे लला को सांप ने डसी लयों औ साँप परी गयो दिखाई सूरजपाल की महतारी को तै वा गायब हुयी गयो साप जब गायब हुयी गयो साँप)
तबहे खबरी पाठही बलमा को जी
(राजा रत्न पाल ने आकर के की अरे मेरे लाल को वाकई मेरे बेटे को सर्प ने ड्स लिया है दोनो प्राणी बिलाप करतें है )
अरे कैसे जियाउंगी जा तौ लारिका बिन जी
नाई परत करारी जियरा मयी जी
( आज मेरे भाइयों जब साँप को देखा राजा रत्न पाल ने और रानी ने भी की बाकई में मेरे लाल को सांप ने ड्स लिया)
देश्य देश्य मै ढिढोर पिटवाय जाय
अउ जीते बैदी होय दुनिया मै
लला मेरे को ठीक करई सब आयी
( हाँ मेरे भाइयों देश देश मै खबरी पहुंची वा दी गयी की राजा रत्न पाल रत्ना गढ़ के बेटे सूरजपाल के लिए सर्प ने डस लिया है जो भी आकर के उस बेटे को ठीक करेगा मुह मांगा इनाम पाएगा आज मेरे प्यारे भाइयों )
देश देश के बैदी आये रहे जी
नय लला तो ठीक तौ होई रहो जी
अउ देश्य देश्य के तौ बैदी आये
अउ पड़ी पड़ी मातुर मारयी लारिक की
वयु लारिका ठीक होती है नाय
अरे हमारे ढोलकियां हिन्य हई पै भईया लगायी लेउ ना घर हम
ताल
(हाँ मेरे प्यारे भाइयों आज जब देश देश के बैदी आये वो लला ठीक नहीं होता है इधर जेलों में राजनल जो कारखे गा रहे थे और जब कारखे गा रहे तो एक जो सेवा करने वाले लोग थे वहाँ पर तो वो सुन रहे थे तो राजानल के पास पहुंच जाते है यानी चपरासी एक पहुंच जाता है तो राजानल क्या गा रहे थे "क्या गा रहे थे ")
"होण्य बाबायो मेरे राम"
कौन्यय बाबायो मेरे राम
बलम मेरे ओ सैन्या मेरे रे पिछवाड़े Madua
"किन्ने बाबायो मेरे राम
बलम मेरे ओ सैन्या मेरे रे पिछवाड़े मदुआ"
कौन्यय बाबायो मेरे राम
बलम मेरे ओ सैन्या मेरे रे पिछवाड़े मदुआ
"कौन्यय बाबायो मेरे राम
बलम मेरे ओ सैन्या मेरे रे पिछवाड़े मदुआ"
( ए मेरे प्यारे भाइयों इतन में जब कारखे गा रहे राजानल तो वो मंत्री यानी चपरासी सुनके पहुंच जाता है राजा रत्न पाल के पास ऐ राजन आपने देश देश के बैदी बुलावाये आपका लाल ठीक नहीं हुआ एक बेगी हमने भी देखा है और वो आपके जेलों मे हि पड़ा हुआ है एक काम करो आप् उसको बुलवालो और पूछ लो हो सकता है वो आपके लाल को ठीक करदे तब मेरे प्यारे भाइयों राजा रत्न पाल सिंह ने आज राजा नल् को निकलवा लिया है कायदे से भक्सी से और कैसे कहने लगे ए परदेसी तुम तौ कारखे गा रहे थे क्या तुम हमारे बच्चे को ठीक कर सकते हो राजानल ने कहा हाँ हम तुम्हारे बच्चे को ठीक कर सकतें है


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